‘स्वच्छता उत्सव पखवाड़ा’ शुरु करेगी केन्द्र सरकार मोदी के जन्मदिन पर
नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार लोकजीवन में स्वच्छता को संस्कार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन 17 सितम्बर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर तक देशभर में ‘स्वच्छता उत्सव पखवाड़ा’ मनाएगी और इस दौरान स्वच्छता को बढावा देने के लिए पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।शहरी आवास और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल तथा जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने सोमवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नागरिकों में स्वच्छता संस्कार के रूप में विकसित हो इसके लिए दोनों मंत्रालय मिलकर 17 सितम्बर से दो अक्टूबर तक ‘स्वच्छता उत्सव पखवाड़ा’ मनाएंगे। पखवाड़े के दौरान देशभर में स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रम आयोजित कर सफाई कर्मियों को स्वच्छता में योगदान देने के लिए सम्मानित किया जाएगा।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वच्छता पखवाड़े का मकसद सिर्फ स्वच्छता को बढ़ावा देना नहीं है बल्कि नागरिकों के जीवन में स्वच्छता को संस्कार बनाना भी है। उनका कहना था कि स्वच्छता से व्यक्ति के जीवन में संस्कार आता है तो इससे देश में सवच्छता का माहौल और मजबूत बनेगा और विशेष उत्सव में व्यक्ति, संस्थाएं और अन्य ज्यादा भागीदार बन सकेंगे।उन्होंने कहा “स्वच्छता हमारे संस्कारों में हो, स्वच्छता सेवा बने, स्वभाव में आये, प्रभावी तरीके से आगे बढ़कर स्वच्छता धर्म बने। सरकार ने इसके लिए जो पोर्टल शुरु किया है वह अब हमेशा खुला रहेगा और उसे बंद नही किया जाएगा इसलिए नागरिक गंदगी से संबंधित शिकायत हर समय उसमें दर्ज करवा सकते हैं। स्वच्छता एक प्रतिस्पर्धा बने इसके लिए 5020 शहरों में स्वच्छता प्रतियोगिता आयोजित की गई है और अगली बार बड़े स्तर की प्रतियोगिता के लिए 306 शहर शामिल किये जाएंगे।”
श्री पाटिल ने कहा कि देशभर में स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरु हुआ था और इसके तहत देश भर में 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गये हैं 50 करोड़ लोगों को खुले में शौचालय करने से मुक्त किया गया है। उनका कहना था कि इसका असर देश के जनजीवन पर पड़ा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्लूएचओ के अनुसार 2019 तक खुले में शौचालय के कारण बीमार होने से तीन लाख से ज्यादा बच्चों की जान बचाई जा सकी है।
उन्होंने कहा कि जनशक्ति की भागीदारी के बिना स्वच्छता के किसी भी अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता है। स्वच्छता धीरे धीरे संस्कार बन रहा है और इसलिए कई बच्चे टॉफी खाने के बाद उसके कवर को जेब में रखते हैं और सही जगह उसे फेंकते हैं। उनका कहना था कि स्वच्छता उत्सव पखवाड़ा देश की हर गली, कस्बे, गांव तथा शहर में मनाया जाएगा ताकि इसमें ज्यादा से ज्यादा हिस्सा बने।
