सिंहस्थ के पहले मंदिर के विकास कार्य प्राथमिकता से होंगे पूरे
उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के ठीक सामने अग्रभाग पर वर्षों से निर्माण कार्य विकास कार्य थमे हुए पड़े थे, कुछ मसले कोर्ट कचहरी में उलझे तो कुछ में नेताओ व प्रभावशालियों द्वारा अड़ंगे डाले गए. अब सिंहस्थ 2028 सिर पर है, ऐसे में बगैर किसी दबाव और प्रभाव के पुनः विकास कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं.अब तक विरोध के जो स्वर बुलंद हो रहे थे, धरना-प्रदर्शन आंदोलन से लेकर ज्ञापन के लिए मुखर होकर विरोध किया जा रहा था, वो विरोध की आग अब ठंडी पड़ चुकी है, जिस प्रकार से शहर के अन्य क्षेत्रों में चौड़ीकरण और विकास कार्य में जनता सहयोग कर रही है, वैसे ही बयार अब महाकाल मंदिर क्षेत्र में चल पड़ी है. 500 मीटर के दायरे में निर्माण पर रोक हटने के बाद अब महाकाल मन्दिर के आसपास रहने वाले क्षेत्रवासी भी चौड़ीकरण के लिए सहर्ष तैयार हो गए हैं.
मंदिर के विकास कार्य प्राथमिकता पर
राजनीतिक हस्तक्षेप, रसूखदार, मानवता के पहलू और कोर्ट कचहरी के में प्रचलित मसलों से महाकाल मंदिर के सामने सौंदर्यकरण और विकास कार्य इतना ज्यादा लंबित हो गया है कि आम जनता भी त्रस्त हो गई, जब से उज्जैन की कमान जिलाधीश के तौर पर रोशन कुमार सिंह ने संभाली है. ऐसे में विकास कार्य को अमली जामा पहनाए जाने के लिए नए सिरे से कवायद प्रारंभ हो गई है. कलेक्टर ने अधीनस्थों को कहा है कि सबसे पहले महाकाल मंदिर के आसपास अधूरे निर्माण कार्य पूरे करना है, सिंहस्थ के कार्यों में समय देना होगा, ऐसे में यहां कोई कार्य अधूरा ना रहे.
नयनाभिराम होगा महाकाल का आंगन
नवभारत से चर्चा में कलेक्टर और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष रोशन कुमार सिंह ने बताया कि महाकाल की नगरी में धार्मिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया है. मंदिर के अग्रभाग पर जो अधूरे निर्माण कार्य पड़े हैं, उसे ड्राइंग -डिजाइन के हिसाब से जल्द पूर्ण कर दिया जाएगा.
आस्था का केंद्र महाकाल मंदिर
कलेक्टर बोले उज्जैन की पुरानी इमारतों का स्वरूप भी बनाए रखना है, महाकाल क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधाओं, अवैध निर्माण अतिक्रमण हटाकर मरम्मत के कार्य भी किया जाना है. पर्यटन और विकास की दृष्टि से महाकाल मंदिर के आसपास सभी स्थानों का विकास करना है, विरासत को संजोये रखना है. अध्यात्म, योग और स्वास्थ्य के साथ शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए हम विशेष तौर पर ऐसे प्रकल्प निर्मित कर रहे हैं, जो पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि करें. देश-विदेश से अत्यधिक पर्यटक उज्जैन पहुंचे, सिंहस्थ 2028 की दृष्टि से भी मन्दिर के आसपास ऐसे प्रकल्प निर्मित कर रहे जिनसे रोजगार का सृजन हो. अगले 5 सालों में आमदनी बढे, परिवहन, व्यापार भी बढ़ सके, नौकरियों का सृजन हो सके.
परचुरे व व्यास भवन रडार पर
महाकाल मंदिर के ठीक सामने परचुरे भवन की वजह से विकास कार्यों की राह अब तक थमी हुई है, यही नहीं पंडित आनंद शंकर व्यास के मकान का मसला भी कोर्ट कचहरी में उलझा हुआ है. इसके अलावा कुछ और निर्माण कार्य हटाए जाना है, वहीं अतिक्रमण भी सौन्दर्यकरण के तहत हटना तय है. दोनों मकान का मसला छोड़कर बाकी कार्य 5 जून के बाद तेजी से प्रारंभ कर दिए जाएंगे. यही नहीं दोनों मकानों को हटाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखा जा रहा है