शिलांग में लापता नवदंपती की तलाश में बारिश बनी बाधा
इंदौर:शहर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी नवविवाहित दंपती की शिलांग में तलाश अब भी अधूरी है. दस दिन बीत जाने के बाद भी जब कोई ठोस सुराग नहीं मिला तो परिजन ने गहरी निराशा जताई है. वे अब सीधे तौर पर मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सेना या विशेष बल को सर्च ऑपरेशन की कमान सौंपे, क्योंकि मौजूदा कोशिशें असफल रही हैं.परिवार के मुताबिक दंपती 10 दिन पहले शिलांग के खासी हिल्स क्षेत्र में घूमने निकले थे और तभी से लापता हैं. स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, स्पेशल ऑपरेशन टीम और ड्रोन की मदद से तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन लगातार बारिश, गहरी खाइयों और दुर्गम पहाड़ियों के चलते काम में लगातार बाधा आ रही है. वहीं राजा रघुवंशी के बड़े भाई सचिन रघुवंशी ने बताया कि उनका भाई कभी भी ऐसे दुर्गम इलाके में नहीं उतर सकता.
उसने आज तक किसी से ऊंची आवाज़ में बात तक नहीं की, हाथ उठाना तो दूर की बात है. हमें शक है कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं है, परिजन की मांग है कि अब सेना या किसी पर्वतीय युद्ध अभियानों में प्रशिक्षित फोर्स को भेजा जाए ताकि तलाशी मिशन में सफलता मिल सके. परिजन ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने अभी तक स्थानीय ग्रामीणों से कोई गंभीर पूछताछ नहीं की, जबकि नीचे के गांवों से कोई सूचना मिल सकती थी. वे मानते हैं कि यदि दंपती किसी दुर्घटना में फंस गए होंगे, तो पास के घरों या ग्रामीणों से उनकी जानकारी निकल सकती थी. वहीं मामले में डीसीपी राजेश त्रिपाठी ने बताया कि जिला पुलिस से लगातार संवाद बना हुआ है, घाटी क्षेत्र बेहद जोखिम भरा है, बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही, फिर भी सर्चिंग में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है. वरिष्ठ अफसर भी मौके पर डटे हुए हैं, लेकिन अब पैरामिलिट्री की मदद लेने की प्रक्रिया में हैं.
क्यों नहीं मिला कोई सुराग?
दंपती की गुमशुदगी अब सिर्फ एक पारिवारिक चिंता नहीं, बल्कि प्रशासनिक दक्षता पर भी सवाल बन गई है. परिजन उम्मीद छोड़ते जा रहे हैं, जबकि शासन और स्थानीय पुलिस अपनी सीमाओं का हवाला दे रही है. जवाब तलाशने की घड़ी अब नतीजों की माँग कर रही है.