बह रहा गंदा पानी नदी शुद्धीकरण की योजना पड़ गई ठंडी
इंदौर: स्मार्ट सिटी के लिए करोड़ों रूपय खर्च करने के बाद भी शहर से गंदगी दूर नहीं की जा सकी क्योंकि नगर निगम द्वारा किए गए कार्य सिर्फ दिखावा भर के है लेकिन ज़मीनी हकीकत तो कुछ और बयां करती है.मामला गंदे नालों से जुड़ा है. जहां क्लीन, स्मार्ट एंड हेल्दी सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई योजनाएं बनाकर शहरवासियों के सामने रखी गई थी. उनमें वॉटर ट्रीटमेंट प्लान से शहर के नालों की सफाई का भी प्रस्ताव दिखाया गया था, जिससे शहर को गंदे नाले रहित बनाया जा सके.
इस बड़ी योजना के विफल होने पर नाला टेपिंग करने के बाजाए नगर निगम द्वारा शहर के हर छोटे-बड़े नालों की पुलियां के दोनों ओर पौधा गमले लगाकर ढक दिया गया जिससे जनता मन बहला दिया गया. लेकिन गंदगी तो गंदगी होती है. आज भी इन नालों की गंदगी से उठने वाली कई तरह की बीमारियां शहर में फैलती है, जिसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता. शहर में कई गंदे नाले है जिससे परेशानी हो रही है.